सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,पत्नी ओर परिवार के साथ पहुंचे ! मां बिजासन माता के मन्दिर सलकनपुर,किये मां बिजासन के दर्शन साथ ही की, इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अफसरों के साथ श्रृद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने को लेकर बैठक ।

 मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,पत्नी साधना सिंह
ओर परिवार के साथ पहुंचेमां बिजासन माता के मन्दिर सलकनपुर, किये मां के
दर्शन साथ ही की इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अफसरों के साथ श्रृद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने को लेकर बैठक ।

सलकनपुर को धार्मिक पर्यटन के तौर पर विकसित करने के लिए योजना तैयार की  इस क्षेत्र को विकसित करने की जिम्मेदारी इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (ITDC) को दी गई है। कॉर्पोरेशन के अफसरों के साथ मुख्यमंत्री सलकनपुर में बैठक कर रहे हैं।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पत्नी साधना सिंह, दोनों बेटों कार्तिकेय और कुणाल के साथ रविवार शाम सलकनपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री यहां प्रसिद्ध देवी धाम मां बिजासन मंदिर परिसर के विस्तार और श्रृद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने को लेकर बैठक कर रहे है। मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले अफसरों की टीम सलकनपुर पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री ने सलकनपुर पहुंचने के बाद सबसे पहले मंदिर गए। परिवार के साथ पूजा-अर्चना की। शिवराज सिंह चौहान के सीएम बनने के बाद सलकनपुर देवीधाम में तेज गति से विकास किया गया। सलकनपुर में विराजित मां बिजासन शिवराज की कुलदेवी भी हैं। देवीधाम में क्षेत्र के लोगों की भी विशेष आस्था है। सलकनपुर आज पूरे प्रदेश का सबसे दर्शनीय स्थल बन गया है।

 कॉर्पोरेशन के अफसरों के साथ मुख्यमंत्री सलकनपुर में बैठक कर रहे हैं। मप्र शासन के पर्यटन, जल संसाधन, लोक निर्माण विभाग, वन, ऊर्जा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव भी इस बैठक में शामिल है।

 मुख्यमंत्री ने 25 फरवरी 2009 को सलकनपुर को पवित्र नगरी बनाने की घोषणा की थी। सलकनपुर का मास्टर प्लान 2021 बनाने की जिम्मेदारी मप्र विकास प्राधिकरण संघ को सौंपी गई थी। संघ ने डेढ़ साल में मास्टर प्लान का मसौदा तैयार किया 52वां शक्तिपीठ

सलकनपुर मंदिर आस्था और श्रद्धा का 52वां शक्ति पीठ माना जाता है। मंदिर पहुंचने के लिए भक्तों को पत्थर से बनी 1 हजार 451 सीढ़ियां चढ़ना होती हैं. हालांकि अब सलकनपुर देवी मंदिर ट्रस्‍ट ने यहां सड़क भी बनवा दी है। सालभर भक्त  दूर दूर से टोलियां बनाकर गाते-बजाते पैदल ही यहां आते हैं।

 इतिहास

मंदिर के महंत के मुताबिक चार सौ साल पुराने इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति सैकड़ों वर्ष प्राचीन है। मान्यता है कि महिषासुरमर्दिनी के रूप में मां दुर्गा ने रक्तबीज नाम के राक्षस का वध इसी स्थान पर करके यहां विजयी मुद्रा में तपस्या की। इसलिए यह विजयासन देवी कहलायीं। मंदिर के गर्भगृह में लगभग 400 साल से 2 अखंड ज्‍योति प्रज्जवलित हैं। एक नारियल के तेल और दूसरी घी से जलायी जाती है। इन साक्षात जोत को साक्षात देवी रूप में पूजा जाता है।

मन्दिर की योजना
सलकनपुर ऐसा धार्मिक स्थल होगा, जहां धर्म और अध्यात्म के साथ पर्यटन का भी आनंद लिया जा सकेगा। यहां ऊंचे पहाड़ पर साइकिल ट्रैक और कैंपिंग ग्राउंड जैसी पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की योजना है। मंदिर के सामने जाम से निपटने के लिए इटारसी से मकोड़िया, गुराड़खेड़ा होकर रेहटी बस स्टैंड तक चार किमी लंबा बायपास प्रस्तावित है। इसके लिए कुल 1.86 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भोपाल मे बनेगा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जहा मिलेगा हड्‌डी से संबंधित समस्याओं का इलाज। भोपाल के ईदगाह हिल्स पर ही बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अब नही होगी कोई असुविधा हड्‌डी से संबंधित समस्याओं के इलाज मे।।

  भोपाल मे बनेगा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जहा  मिलेगा हड्‌डी से संबंधित समस्याओं का इलाज। भोपाल के ईदगाह हिल्स पर ही बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अब नही होगी कोई असुविधा  हड्‌डी से संबंधित समस्याओं के इलाज मे।।  भोपाल मे इस  सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को बनबाने के लिये  केन्द्र सरकार ने दो साल पहले ही प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी थी। ओर साथ ही इसके लिए केन्द्र  सरकार ने 46 करोड़ रुपए भी स्वीकृत कर दिए है।इस  सेंटर ऑफ एक्सीलेंस  मे  ओपीडी व एक्सरे, सिटी स्कैन, एमआरआई की सुविधा रहेगी।  इस सेंटर में वार्ड,ओटी, मॉड्यूलर ओटी जिसमें कूल्हा प्रत्यारोपण, स्पाइन की सर्जरी, घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा होगी। इसके अलावा फिजियोथेरपी सेंटर होगा। इतना ही नही इस में सर्जरी के बाद आधुनिक उपकरण की सुविधा मरीजों को मिलेगी।  मध्यप्रदेश में हड्‌डी से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भोपाल के ईदगाह हिल्स पर टीबी अस्पताल के पास बनेगा। पहले यह सेंटर हमीदिया अस्पताल परिसर में बनना प्रस्तावित था। इस सेंटर के बनने के बाद हड्‌डी से जुड़ी बीमारियों का इला...

स्त्रियो ने किया बर सावित्री व्रत पूजन,मागी पति की लंबी आयु ।

  स्त्रियो ने किया  बर  सावित्री व्रत  पूजन   ,मागी  पति की लंबी आयु ।  ये व्रत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन सावित्री ने सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लिए थे ! तभी से ये व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने लगा ! इस व्रत में वट वृक्ष का महत्व बहुत होता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का पूजन करती है और उसकी परिक्रमा लगाती हैं ! ऎसा माना जाता है कि पतिव्रता  सावित्री  ने अपने पति के प्राण वापस लाने के लिए बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर कठोर तपस्‍या की थी। इसलिए इसे वट  सावित्री  व्रत कहा जाने लगा। इस दिन वटवृक्ष को जल से सींचकर उसमें हल्दी लगाकर कच्चा सूत लपेटते हुए उसकी परिक्रमा की जाती है। साथ ही शुभ वस्तुएं भी अर्पित की जाती हैं।